व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा 2025: क्यों आए, क्या उद्देश्य था, क्या समझौते हुए और क्या नए फैसले लिए गए? — पूरा विश्लेषण
दिसंबर 2025 भारत–रूस संबंधों के इतिहास में एक निर्णायक क्षण बन गया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिनों की आधिकारिक यात्रा पर भारत पहुँचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उच्च स्तरीय वार्ता की। यह दौरा कई मायनों में विशेष रहा—क्योंकि यह यूक्रेन संघर्ष के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा थी और बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच भारत और रूस ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए नए संकल्प लिए।
⭐ पुतिन भारत क्यों आए? – मुख्य उद्देश्य
1. रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना
भारत–रूस संबंध दशकों पुराने हैं और रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष तथा तकनीक जैसे क्षेत्रों में गहरा सहयोग है। इस दौरे का प्रमुख उद्देश्य इन सहयोगों को नई दिशा देना था।
2. ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना
भारत रूस के कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। रूस ने भारत को आश्वासन दिया कि तेल, गैस और कोयले की सप्लाई में कोई रुकावट नहीं आएगी।
3. व्यापार लक्ष्य – 2030 तक 100 बिलियन डॉलर
Summit में दोनों देशों ने लक्ष्य निर्धारित किया कि द्विपक्षीय व्यापार को $100 बिलियन तक पहुँचाया जाएगा। इसके लिए नया आर्थिक रोडमैप बनाया गया।
4. रक्षा सहयोग
Make in India मॉडल पर संयुक्त उत्पादन, स्पेयर पार्ट्स सप्लाई चेन, नई तकनीक के ट्रांसफर और एयर-डिफेंस सिस्टम जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण वार्ताएं हुईं।
5. परमाणु ऊर्जा सहयोग
कुदनकुलम न्यूक्लियर प्लांट के नए यूनिट्स का विकास तेज करने और भविष्य की परमाणु परियोजनाओं पर काम बढ़ाने पर सहमति बनी।
⭐ पुतिन किस Summit के लिए आए थे? – Annual Summit का इतिहास (Merged)
व्लादिमीर पुतिन 2025 में भारत अपनी आधिकारिक यात्रा के तहत 23वीं India–Russia Annual Summit में भाग लेने आए थे। यह वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर का राजनीतिक संवाद मंच है। इस Summit परंपरा की शुरुआत वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मिलकर की थी। तब दोनों देशों ने अपने रिश्तों को Strategic Partnership का दर्जा दिया था। हर वर्ष बारी-बारी से नेताओं की मुलाकात होती है, जहाँ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और तकनीक से जुड़े बड़े फैसले लिए जाते हैं। 2025 की यह 23वीं Summit खास रही क्योंकि यह यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की पहली यात्रा थी और दोनों देशों ने इसे दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने का अवसर बनाया।
⭐ इस यात्रा में क्या-क्या प्रमुख समझौते और घोषणाएँ हुईं?
1. दीर्घकालिक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम 2030
- व्यापार लक्ष्य: $100 बिलियन
- कृषि, फार्मा, कोयला, खनिज और हाई-टेक क्षेत्रों में विस्तार
- डिजिटल तकनीक और स्टार्टअप सहयोग में नई संभावनाएँ
2. ऊर्जा समझौते
रूस ने भारत को आश्वासन दिया:
- कच्चे तेल की सप्लाई uninterrupted रहेगी
- LNG प्रोजेक्ट्स पर सहयोग बढ़ेगा
- राष्ट्रीय मुद्रा (INR–RUB) में व्यापार बढ़ाने का प्रयास जारी रहेगा
3. रक्षा समझौते
Summit में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई:
- संयुक्त रक्षा उत्पादन
- स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता
- एयर डिफेंस तकनीक पर बातचीत
- नौसेना व वायुसेना प्रोजेक्ट्स पर नए प्रस्ताव
4. परमाणु ऊर्जा सहयोग
कुदनकुलम प्रोजेक्ट के नए यूनिट्स पर तेज प्रगति के निर्देश दिए गए।
अन्य संभावित न्यूक्लियर साइट्स पर भी चर्चा हुई।
⭐ भारत का बड़ा फैसला: रूसियों के लिए 30 दिनों का फ्री e-Tourist Visa
23वीं Summit के दौरान भारत सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए घोषणा की कि:
✅ रूस के पर्यटकों को भारत आने पर 30-दिन का “फ्री e-Tourist Visa” दिया जाएगा।
यह सुविधा:
- एकल 30-दिन e-tourist visa
- 30-दिन group tourist visa
दोनों पर लागू होगी।
यह घोषणा क्यों महत्वपूर्ण है?
- भारत और रूस के बीच tourism और people-to-people ties को मजबूत करेगी।
- सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देगी।
- रूसी पर्यटकों की भारत यात्रा में भारी वृद्धि की उम्मीद है।
यह फैसला PM Modi और President Putin की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया गया और इसे दोनों देशों के नागरिक संबंधों को नई ऊर्जा देने वाला कदम माना जा रहा है। यह तथ्य आधिकारिक मीडिया और सरकारी पोर्टल्स द्वारा भी पुष्टि किया गया है।
⭐ सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर संबंधों को बढ़ावा
- वाराणसी, दिल्ली और दक्षिण भारत में पुतिन का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया।
- सोशल मीडिया पर Russia–India Friendship के हैशटैग ट्रेंड करते रहे।
- दोनों देशों ने शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और लेबर कोऑपरेशन पर भी नई सहमतियाँ बनाई।
⭐ निष्कर्ष — भारत-रूस संबंधों का नया स्वर्णिम अध्याय
पुतिन की 2025 की भारत यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि India–Russia संबंधों को नए दशक की दिशा देने वाली महत्वपूर्ण घटना थी।
Summit में लिए गए फैसले—ऊर्जा सुरक्षा, रक्षा सहयोग, आर्थिक भागीदारी और 30-Day Free e-Visa जैसे कदम—दोनों देशों के संबंधों में विश्वास और साझेदारी की गहराई को दर्शाते हैं।
भू-राजनीतिक परिवर्तनों के बीच यह यात्रा साबित करती है कि:
👉 भारत और रूस दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदार हैं।
👉 दोनों देशों के संबंध आने वाले वर्षों में और भी मजबूत होंगे।
Indian and Russian is good friend 🎉