IndiGo फ्लाइट संकट 2025: FDTL नियम, रद्द उड़ानें और सरकारी कार्रवाई

✈️ IndiGo फ्लाइट कैंसिलेशन संकट 2025: FDTL नियम क्या हैं, क्यों रद्द हुई हज़ारों उड़ानें, सरकार ने क्या कदम उठाए?

दिसंबर 2025 का पहला सप्ताह भारतीय विमानन इतिहास के लिए बेहद असामान्य रहा। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo को अचानक बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिसके कारण देशभर के हजारों यात्री एयरपोर्ट्स पर फंस गए। टिकटों की कीमतें आसमान छूने लगीं, एयरपोर्ट्स पर लंबी कतारें लग गईं, और सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़ आ गई। इस संकट के पीछे सबसे महत्वपूर्ण वजह मानी गई नए FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियम, जिनके कारण पायलटों और क्रू के शेड्यूल में भारी बदलाव हुए और IndiGo का संचालन लगभग चरमरा गया।

इस लेख में हम समझेंगे कि FDTL नियम क्या हैं, उनका IndiGo पर क्या असर हुआ, कितनी उड़ानें रद्द हुईं, सरकार ने क्या कदम उठाए और अन्य एयरलाइंस ने इस स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया दी।

FDTL नियम क्या होते हैं?

FDTL यानी Flight Duty Time Limitations, ऐसे नियमों का सेट है जिसे DGCA (भारतीय विमानन नियामक) तैयार करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पायलट और केबिन क्रू अत्यधिक थकान की स्थिति में उड़ान न भरें, क्योंकि fatigue सीधे विमान सुरक्षा को प्रभावित करता है।

इन नियमों के तहत तय किया जाता है:

  • पायलट एक दिन में अधिकतम कितने घंटे उड़ान भर सकता है
  • लगातार कितने दिनों तक ड्यूटी कर सकता है
  • न्यूनतम आराम (rest) अवधि कितनी होगी
  • रात में उड़ान भरने की क्या सीमा (night duty restrictions) होगी
  • पायलट की छुट्टी (leave) को कैसे गिना जाएगा

2025 में लागू नए FDTL नियमों में क्या बदलाव हुए?

2025 में DGCA ने FDTL नियमों को और कठोर बना दिया। इन बदलावों का उद्देश्य पायलटों की निरंतर बढ़ती शिकायतों को कम करना और सुरक्षा मानकों को मजबूत बनाना था। महत्वपूर्ण बदलाव यह रहे:

1. Weekly Rest का समय बढ़ाया गया

पहले पायलटों को हर हफ्ते कम से कम 36 घंटे आराम मिलना अनिवार्य था। नए नियमों के अनुसार अब यह 48 घंटे लगातार कर दिया गया।

2. Night Landings की सीमा घटाई गई

पहले एक पायलट सप्ताह में 6 तक night landings कर सकता था, लेकिन नए नियमों ने यह संख्या घटाकर सिर्फ 2 night landings प्रति सप्ताह कर दी।

3. Night Duty Duration पर प्रतिबंध

रात की ड्यूटी यानी night duty की अधिकतम allowed अवधि को सख्ती से कम किया गया है, ताकि पायलटों की थकान नियंत्रित रहे।

4. Leave को Rest में शामिल नहीं किया जाएगा

एयरलाइन अब पायलट की छुट्टी (leave) को mandatory rest का हिस्सा नहीं जोड़ सकती। इसका मतलब पायलट को leave लेने पर भी पूरा आराम समय अलग से मिलना चाहिए।

5. Fatigue Monitoring अनिवार्य

एयरलाइंस को अब quarterly fatigue reports जमा करनी होंगी, ताकि DGCA यह सुनिश्चित कर सके कि नियम सही तरीके से लागू हो रहे हैं।

IndiGo पर इन नियमों का बड़ा प्रभाव क्यों हुआ?

IndiGo भारत की सबसे बड़ी domestic airline है। इसका fleet बहुत बड़ा है, रूट्स सबसे ज्यादा हैं और night flights भी प्रमुख मात्रा में संचालित होती हैं। नए FDTL नियम लागू होने के बाद IndiGo को अपने पूरे crew roster और flight scheduling सिस्टम को फिर से तैयार करना पड़ा।

प्रमुख कारण जिनसे IndiGo प्रभावित हुई:

🔹 1. विशाल नेटवर्क + अधिक Night Flights

IndiGo एक दिन में लगभग 1500 उड़ानों का संचालन करती है। इतने बड़े ऑपरेशन में नए नियमों के अनुरूप अचानक से roster बदलना बेहद कठिन साबित हुआ।

🔹 2. Pilot & Crew Shortage

DGCA की रिपोर्ट्स के अनुसार, नए नियमों के बाद कई पायलट “rest rule” के कारण कानूनी रूप से उड़ान भरने योग्य नहीं थे। इससे एक साथ कई flights grounded करनी पड़ीं।

🔹 3. Roster Planning में कमी

हालांकि DGCA ने नियम लागू होने से काफी पहले तैयारी करने का समय दिया था, लेकिन IndiGo नए शेड्यूलिंग को समय पर align नहीं कर सकी।

🔹 4. Peak Season Timing

दिसंबर का महीना त्योहारों, छुट्टियों और पर्यटन का peak season होता है। ऐसे समय पर महीनों पुरानी plan की गई flights अचानक कैंसिल होने लगीं।

7 दिसंबर तक कितनी उड़ानें रद्द हुईं?

अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स और DGCA डेटा के अनुसार:

  • संकट के पहले 6 दिनों में 1000 से अधिक IndiGo उड़ानें रद्द या गंभीर रूप से प्रभावित हुईं।
  • कई दिनों में रोज़ाना 350–400 के आसपास उड़ानें रद्द होती रहीं।
  • 6 दिसंबर को कुछ प्रमुख एयरपोर्ट्स पर:
    • दिल्ली: 100+ रद्द
    • मुंबई: 100+ रद्द
    • बेंगलुरु: 120+ रद्द
    • हैदराबाद: 60–70 रद्द

यात्री बड़ी संख्या में फंस गए और हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें साझा कीं।

IndiGo का मार्केट शेयर कितना है?

भारत के domestic aviation market में IndiGo की हिस्सेदारी लगभग 53–60% के बीच रहती है।
यानी, देश के आधे से ज्यादा यात्री IndiGo से यात्रा करते हैं।

👉 इसी वजह से जब IndiGo में ऑपरेशन बिगड़ता है, उसका असर पूरे देश की उड़ानों पर दिखता है।

IndiGo ने क्या कहा? (Airline का आधिकारिक बयान)

IndiGo ने अपने बयान में कहा:

  • नए FDTL नियमों के कारण उनके scheduling और crew availability पर अचानक असर पड़ा।
  • एयरलाइन ने यह भी दावा किया कि वह बहुत तेज़ी से स्थिति सुधार रही है और 95% नेटवर्क पुनः बहाल कर चुकी है।
  • यात्री असुविधा को देखते हुए 5–15 दिसंबर के बीच की सभी rebooking charges माफ कर दिए गए हैं।
  • हजारों refunds प्रोसेस किए जा रहे हैं और customer support स्टाफ बढ़ाया गया है।

सरकार और DGCA ने क्या कदम उठाए?

IndiGo संकट गहराने पर सरकार तुरंत सक्रिय हुई और कई सख्त कदम उठाए:

1. DGCA ने Show-Cause Notice भेजा

IndiGo के CEO को यह बताने को कहा गया कि इतनी बड़ी operational failure कैसे हुई।

2. Airfare Caps लागू किए गए

कुछ रूट्स पर किराये कई गुना बढ़ गए थे।
सरकार ने domestic routes पर ₹12,000–15,000 तक की ऊपरी सीमा लगाई ताकि यात्रियों का शोषण न हो।

3. Refund Deadline तय की गई

Ministry of Civil Aviation ने आदेश दिया कि:
7 दिसंबर तक सभी pending refunds क्लियर किए जाएँ।

4. FDTL नियमों में Temporary Relief

सिर्फ IndiGo के A320 fleet के लिए कुछ FDTL नियमों में अस्थायी राहत दी गई ताकि operations normal हो सकें।

5. Passenger Assistance बढ़ाया गया

एयरपोर्ट्स पर IndiGo के helpdesks बढ़ाने और यात्रियों को meals व accommodation देने के आदेश दिए गए।

अन्य एयरलाइंस ने क्या किया?

  • Air India, Vistara, Akasa Air जैसी अन्य एयरलाइंस पर असर कम पड़ा क्योंकि उन्होंने पहले से roster adjust कर लिया था।
  • Air India ने voluntary fare caps लागू किए ताकि किराये में अनावश्यक वृद्धि न हो।
  • कई एयरलाइंस ने extra flights लगाने का भी प्रस्ताव दिया ताकि stranded passengers की मदद हो सके।

निष्कर्ष

IndiGo Flight Cancellation Crisis 2025 भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए एक बड़ा सबक है।
यह घटना बताती है कि:

  • नियमों में बदलाव के साथ समय पर तैयारी जरूरी है,
  • पायलट और crew के लिए fatigue-free working environment अनिवार्य है,
  • airlines को passengers-first policy पर काम करना चाहिए,
  • और सरकार की निगरानी aviation safety के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

FDTL नियम लंबे समय में सुरक्षा सुधारेंगे, लेकिन IndiGo का संकट यह दिखाता है कि किसी भी बड़े बदलाव के लिए airlines को मजबूत operational प्लानिंग की जरूरत होती है।

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