🗞️ Current Affairs | 25 दिसंबर 2025
संविधान का भाषायी विस्तार, राष्ट्रनिर्माताओं की जयंती और राष्ट्र प्रेरणा स्थल
संविधान को संथाली भाषा में जारी करने की ऐतिहासिक पहल
भारत में संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह देश की विविधता, लोकतंत्र और समानता का आधार है। इसी भावना को और मजबूत करते हुए आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के संविधान को संथाली भाषा में, ओल चिकी लिपि में जारी किया। यह कदम आदिवासी समुदायों को संविधान से सीधे जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।
संथाली भाषा भारत की प्रमुख जनजातीय भाषाओं में से एक है, जिसे वर्ष 2003 में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। इसके बावजूद अब तक संविधान का आधिकारिक संस्करण संथाली लिपि में उपलब्ध नहीं था। ओल चिकी लिपि में संविधान का प्रकाशन यह सुनिश्चित करता है कि संथाली भाषी नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों को अपनी भाषा में समझ सकें।
भारत का मूल संविधान 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। प्रारंभ में यह अंग्रेज़ी भाषा में तैयार किया गया था और बाद में हिंदी सहित कई भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया गया। संथाली भाषा में संविधान का प्रकाशन भारत के भाषायी समावेशन और समावेशी लोकतंत्र की सोच को दर्शाता है।
🔹 मुख्य तथ्य (Facts)
- संविधान संथाली भाषा में ओल चिकी लिपि में जारी किया गया
- राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू
- संथाली भाषा आठवीं अनुसूची में: 2003
- ओल चिकी लिपि के जनक: पंडित रघुनाथ मुर्मू
- मूल संविधान अंगीकृत: 26 नवंबर 1949
- संविधान लागू: 26 जनवरी 1950
- मूल भाषा: अंग्रेज़ी
आज अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर देश ने दी श्रद्धांजलि
आज देश ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के उन नेताओं में थे जिन्हें दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर सम्मान मिला।
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे और वे पहले गैर-कांग्रेस प्रधानमंत्री थे जिन्होंने पूरा पाँच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। उनके नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए, जिनमें पोखरण-II परमाणु परीक्षण (1998) सबसे प्रमुख है। इस परीक्षण ने भारत को वैश्विक मंच पर एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया।
उनका योगदान केवल रक्षा तक सीमित नहीं था। उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास, दूरसंचार विस्तार और आर्थिक सुधारों को गति दी। विदेश नीति में उन्होंने संवाद और शांति पर ज़ोर दिया, जिसका प्रतीक लाहौर बस यात्रा रही।
🔹 मुख्य तथ्य (Facts)
- अटल बिहारी वाजपेयी: तीन बार प्रधानमंत्री
- पहला गैर-कांग्रेस PM जिसने 5 वर्ष पूरे किए
- पोखरण-II परमाणु परीक्षण: 1998
- प्रमुख परियोजना: स्वर्णिम चतुर्भुज
- शांति पहल: लाहौर बस यात्रा
- पेशा: राजनेता, कवि और वक्ता
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती
आज ही के दिन देश ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती भी मनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्हें “महामना” की उपाधि उनके उच्च चरित्र, त्याग और राष्ट्र सेवा के कारण दी गई थी।
पंडित मालवीय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता, महान शिक्षाविद् और समाज सुधारक थे। उनका सबसे बड़ा योगदान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना है, जो आज एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक है। वे मानते थे कि स्वतंत्र भारत की नींव शिक्षा पर आधारित होनी चाहिए।
वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे और पत्रकारिता के माध्यम से राष्ट्रवादी विचारों का प्रचार किया। उनका जीवन शिक्षा, नैतिकता और राष्ट्रचेतना का अद्भुत उदाहरण है।
🔹 मुख्य तथ्य (Facts)
- उपाधि: महामना
- प्रमुख योगदान: BHU की स्थापना
- भूमिका: स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद्, पत्रकार
- कांग्रेस अध्यक्ष रहे
- शिक्षा को राष्ट्रनिर्माण का आधार माना
लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल: राष्ट्रनिर्माताओं को समर्पित स्मारक
लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में विकसित किया गया राष्ट्र प्रेरणा स्थल केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रवादी विचारधारा, सेवा और नेतृत्व मूल्यों को दर्शाने वाला एक स्थायी प्रेरणा केंद्र है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इस स्थल का उद्देश्य देश की युवा पीढ़ी को उन महान व्यक्तित्वों के जीवन और विचारों से परिचित कराना है, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह स्थल आधुनिक तकनीक, विशाल परिसर और ऐतिहासिक प्रतीकों का संयोजन है। यहाँ स्थापित प्रतिमाएँ और संग्रहालय भारत की वैचारिक यात्रा को दर्शाते हैं और यह समझाने का प्रयास करते हैं कि राष्ट्र सेवा केवल सत्ता नहीं, बल्कि विचार और चरित्र से जुड़ी होती है।
🔹 राष्ट्र प्रेरणा स्थल में स्थापित प्रमुख प्रतिमाएँ (VERY IMPORTANT)
- अटल बिहारी वाजपेयी
→ पूर्व प्रधानमंत्री, कवि और राष्ट्रवादी विचारक - पंडित दीनदयाल उपाध्याय
→ एकात्म मानववाद के प्रणेता, भारतीय जनसंघ के प्रमुख विचारक - डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
→ भारतीय जनसंघ के संस्थापक, राष्ट्रवादी नेता
👉 इन तीनों नेताओं को भारतीय राष्ट्रवादी विचारधारा के स्तंभ के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
🔹 अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Facts)
- स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
- उद्घाटनकर्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- परिसर: विशाल क्षेत्र में फैला आधुनिक स्मारक
- विशेषताएँ:
- विशाल और भव्य प्रतिमाएँ
- आधुनिक डिजिटल एवं इंटरैक्टिव संग्रहालय
- ओपन-एयर कार्यक्रम स्थल
- उद्देश्य:
- युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना
- नेतृत्व, त्याग और वैचारिक प्रतिबद्धता का संदेश देना
Q1. हाल ही में भारत का संविधान किस नई भाषा और लिपि में जारी किया गया है?
उत्तर: संथाली भाषा में, ओल चिकी लिपि में।
Q2. संथाली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में कब शामिल किया गया था?
उत्तर: वर्ष 2003 में।
Q3. भारत का मूल संविधान कब अंगीकृत और कब लागू किया गया था?
उत्तर:
- अंगीकृत: 26 नवंबर 1949
- लागू: 26 जनवरी 1950
Q4. ओल चिकी लिपि का विकास किसने किया था?
उत्तर: पंडित रघुनाथ मुर्मू ने।
Q5. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि किस-किस ने दी?
उत्तर:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री और अन्य राष्ट्रीय नेताओं ने।
Q6. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल की दो प्रमुख उपलब्धियाँ लिखिए।
उत्तर:
- पोखरण-II परमाणु परीक्षण (1998)
- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत
Q7. महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को “महामना” की उपाधि क्यों दी गई?
उत्तर:
उनके उच्च चरित्र, त्याग, शिक्षा के क्षेत्र में योगदान और राष्ट्र सेवा के कारण।
Q8. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना किस उद्देश्य से की गई थी?
उत्तर:
भारतीय संस्कृति और आधुनिक शिक्षा के समन्वय द्वारा राष्ट्रनिर्माण के लिए।
Q9. राष्ट्र प्रेरणा स्थल कहाँ स्थित है और इसका उद्घाटन किसने किया?
उत्तर:
- स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
- उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Q10. राष्ट्र प्रेरणा स्थल में किन प्रमुख नेताओं की प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं?
उत्तर:
- अटल बिहारी वाजपेयी
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय
- डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी