📊 भारतीय जनगणना 2027: ₹11,718 करोड़ बजट मंजूर
🇮🇳 परिचय
भारत सरकार ने 11 दिसंबर 2025 को 2027 में होने वाली राष्ट्रीय जनगणना (Population Census 2027) के लिए भारी बजट मंजूर किया। सरकार ने इस जनगणना के लिए ₹11,718.24 करोड़ रुपये का बजट Cabinet की मंज़ूरी से तय किया है। यह निर्णय देश की जनसांख्यिकीय नीति, सामाजिक योजनाओं, संसाधन आवंटन और विकास रणनीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
जनगणना किसी भी देश के लिए सबसे व्यापक और महत्वपूर्ण डेटा संग्रह प्रक्रिया होती है। भारत में यह हर 10 साल बाद होती है और 2027 की जनगणना 2011 के बाद 16वीं राष्ट्रीय जनगणना होगी। यह प्रक्रिया देश की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और रोजगार संबंधी जानकारी का विस्तृत आधार तैयार करती है, जिसकी मदद से दीर्घकालिक योजनाएँ तैयार होती हैं।
📆 16वीं राष्ट्रीय जनगणना: तिथि और अवधि
भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना 2027 में दो चरणों में संपन्न होने वाली है:
पहला चरण (Phase I)
यह चरण अप्रैल 2026 से सितम्बर 2026 तक चलेगा और इसका मुख्य उद्देश्य भूमि और आवास संबंधित मूलभूत आंकड़ों का संग्रह है। इस दौरान घर-घर जाकर प्राथमिक सूचना एकत्रित की जाएगी।
दूसरा चरण (Phase II)
दूसरा चरण फरबरी 2027 सन्दर्भ तिथि 1 मार्च 2027 से चलेगा और इसमें व्यक्ति-व्यक्ति बातचीत के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक, जातीय, शिक्षा तथा रोजगार संबंधी विस्तृत जानकारी ली जाएगी। इस दो-स्तरीय प्रक्रिया का उद्देश्य डेटा संग्रह की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को बढ़ाना है।
दोनों चरणों में व्यापक प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता के माध्यम से कार्यकर्ता कुशलतापूर्वक डेटा संग्रह करेंगे, जिससे देश भर में सटीक आंकड़े प्राप्त हो सकें।
📌 2027 की जनगणना में क्या नया है?
🧠 1. डिजिटलीकरण और तकनीकी सुधार
2027 की जनगणना पिछले संस्करणों से तकनीकी रूप से अधिक उन्नत होगी। पहली बार यह प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से होगी, जिसमें डेटा संग्रह मोबाइल एप्लिकेशन, टैबलेट और क्लाउड सर्वर के जरिए सुरक्षित रूप से होगा। इससे डेटा की गुणवत्ता, सत्यापन, संचयन और प्रोसेसिंग में तेजी आएगी और मानवीय त्रुटियों को कम किया जा सकेगा।
📊 2. डेटा विश्लेषण में AI एवं मशीन लर्निंग
जनगणना के विस्तृत डेटा का विश्लेषण अब AI (Artificial Intelligence) और मशीन लर्निंग तकनीकों के माध्यम से किया जाएगा। इससे डुप्लिकेट डेटा को हटाने, पैटर्न पहचानने और नीति निर्माण के लिए उपयोगी आंकड़ों को अलग-थलग करने में सहूलियत होगी।
🔒 3. डेटा सुरक्षा और गोपनीयता
जनगणना के दौरान एकत्र किए गए डेटा की सुरक्षा सरकार द्वारा प्राथमिकता होगी। सभी व्यक्तिगत जानकारी को एन्क्रिप्ट किया जाएगा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाए जाएंगे। केवल अधिकृत उपयोगकर्ता ही डेटा तक पहुंच पाएंगे, जिससे नागरिकों का निजता अधिकार सुरक्षित रहे।
🔄 4. उन्नत प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
इसके अलावा, Census के कार्यकर्ताओं हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिससे हर Enumerator (डेटा संग्रहकर्ता) जनगणना के सभी डिजिटल टूल्स और प्रक्रियाओं को समझ सके। इस प्रशिक्षण का लक्ष्य डेटा संग्रह प्रक्रिया को सर्वश्रेष्ठ बनाना है।
💰 ₹11,718 करोड़ बजट का उपयोग
सरकार ने 2027 की जनगणना के लिए ₹11,718.24 करोड़ का बजट मंजूर किया है, जिसे विभिन्न विभागों और कार्यों में बांटा गया है:
- डिजिटल उपकरण और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
- ट्रेनिंग और क्षमता निर्माण
- फ़ील्ड कार्यकर्ताओं का भुगतान
- डेटा प्रोसेसिंग, वेरीफिकेशन और Cloud सेवाएँ
- प्रशासनिक और लॉजिस्टिक्स खर्च
इस बजट का उद्देश्य जनगणना की सम्पूर्ण प्रक्रिया को सुचारू रूप से, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय तरीके से संचालित करना है। इससे समयबद्ध और उच्च-गुणवत्ता वाला डेटा उपलब्ध होगा, जो नीति-निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
🧩 क्यों है 2027 की जनगणना महत्वपूर्ण?
🏙️ 1. व्यापक सामाजिक आर्थिक चित्र
जनगणना से प्राप्त आंकड़े सरकार को यह समझने में मदद करते हैं कि देश की जनसंख्या की संरचना कैसी है। यह शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, आवास, और संसाधन वितरण को बेहतर तरीके से प्लान करने में सहायक होता है।
📈 2. नीति निर्माण में मजबूत आधार
सरकार इस डेटा का उपयोग राष्ट्रीय योजनाओं और कार्यक्रमों को तैयार करने और लागू करने में करती है, जैसे शिक्षा नीति, स्वास्थ्य ढाँचा, रोजगार योजनाएँ, ग्रामीण एवं शहरी विकास इत्यादि।
📊 3. संसाधन आवंटन और बजट योजना
राज्य और केंद्र सरकार जनसंख्या के आधार पर संसाधनों का आकलन करती हैं, जिससे अनुसूचित क्षेत्रों, पिछड़े इलाकों और जनसंख्या घनत्व वाले स्थानों को उचित वित्तीय सहायता दी जा सके।
🧮 4. समय-समय पर नीति समायोजन
नए डेटा के आधार पर सरकार समय-समय पर योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन एवं रणनीति संशोधन कर सकती है, ताकि सामाजिक एवं आर्थिक असमानताओं को कम किया जा सके।
⚖️ परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- जनगणना की आवृत्ति: 10 वर्ष
- 2027 की जनगणना: 16वीं राष्ट्रीय जनगणना
- बजट: ₹11,718.24 करोड़
- दो चरणों में डेटा संग्रह: अप्रैल-जून 2027 और सितम्बर-दिसंबर 2027
- टेक्नोलॉजी उपयोग: मोबाइल एप्स, Cloud, AI, मशीन लर्निंग
- डेटा सुरक्षा: एन्क्रिप्शन और गोपनीयता प्रोटोकॉल
यह तथ्य UPSC, SSC, Bank परीक्षा, State PSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
📍 निष्कर्ष
2027 की भारतीय राष्ट्रीय जनगणना न केवल देश की सर्वाधिक व्यापक डेटा सौंपने वाली प्रक्रिया है बल्कि यह सार्वजनिक नीति, सामाजिक योजनाओं और आर्थिक रणनीतियों का आधार भी है। ₹11,718 करोड़ का बजट, उन्नत तकनीकी उपयोग तथा डिजिटल प्रशिक्षण इसे पहले से अधिक प्रभावशाली बनाते हैं।
यह निर्णय भारत को एक डेटा-प्रबुद्ध राष्ट्र की दिशा में अग्रसर करता है और भविष्य की नीतियों को देश के वास्तविक जनसंख्या आंकड़ों के अनुरूप विकसित करने में मदद करेगा।