ISRO का LVM-3 M6 मिशन सफल | BlueBird Block-2 सैटेलाइट लॉन्च
📅 तिथि: दिसंबर 2025
🏛️ स्रोत: Press Information Bureau (PIB)
🔹 मिशन का संक्षिप्त परिचय
भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए LVM-3 M6 मिशन को पूर्ण सफलता के साथ अंजाम दिया। इस मिशन के अंतर्गत BlueBird Block-2 नामक अत्याधुनिक संचार उपग्रह को सफलतापूर्वक Low Earth Orbit (LEO) में स्थापित किया गया। यह मिशन भारत के भारी प्रक्षेपण यान की क्षमता और वैश्विक वाणिज्यिक अंतरिक्ष बाजार में भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
यह प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा किया गया और यह LVM-3 रॉकेट का छठा मिशन तथा तीसरा पूर्ण वाणिज्यिक मिशन था।
🚀 LVM-3 रॉकेट की पूरी तकनीकी जानकारी
🔸 रॉकेट का नाम
- LVM-3 (Launch Vehicle Mark-3)
- मिशन संस्करण: M6
🔸 रॉकेट का प्रकार
- Heavy Lift Launch Vehicle (भारी प्रक्षेपण यान)
- भारत का सबसे शक्तिशाली और विश्वसनीय रॉकेट
🔸 संरचना (Three-Stage Configuration)
LVM-3 एक तीन चरणों वाला प्रक्षेपण यान है:
1️⃣ पहला चरण (Solid Stage – S200 Boosters)
- दो ठोस ईंधन बूस्टर
- प्रत्येक में लगभग 200 टन ठोस ईंधन
- लॉन्च के समय अत्यधिक थ्रस्ट प्रदान करते हैं
2️⃣ दूसरा चरण (Liquid Core Stage – L110)
- तरल ईंधन आधारित
- ईंधन: UDMH + N₂O₄
- रॉकेट को ऊपरी वायुमंडल तक स्थिर गति देता है
3️⃣ तीसरा चरण (Cryogenic Upper Stage – C25)
- क्रायोजेनिक इंजन
- ईंधन: Liquid Hydrogen + Liquid Oxygen
- सैटेलाइट को सटीक कक्षा में स्थापित करने में सहायक
🔸 LVM-3 की क्षमता
- LEO में 8,000 किलोग्राम तक पेलोड ले जाने की क्षमता
- GTO में 4,000+ किलोग्राम
- मानव अंतरिक्ष मिशन (Gaganyaan) के लिए भी उपयोगी
🛰️ BlueBird Block-2 सैटेलाइट की विस्तृत जानकारी
🔹 सैटेलाइट का नाम
- BlueBird Block-2
🔹 सैटेलाइट का प्रकार
- अगली पीढ़ी का Direct-to-Cell Communication Satellite
🔹 मुख्य उद्देश्य
- सामान्य स्मार्टफोन को सीधे सैटेलाइट से कनेक्टिविटी प्रदान करना
- बिना किसी विशेष हार्डवेयर के मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध कराना
- दूरदराज़ और नेटवर्क-विहीन क्षेत्रों में संचार सुविधा
🔹 तकनीकी विशेषताएँ
- अत्यधिक बड़े फेज़्ड ऐरे एंटीना सिस्टम
- उच्च क्षमता वाला संचार ट्रांसपोंडर
- LEO कक्षा से कम विलंब (Low Latency) संचार
- 5G और भविष्य की मोबाइल तकनीकों के लिए अनुकूल
🔹 विशेष उपलब्धि
- यह अब तक का सबसे भारी उपग्रह है जिसे किसी भारतीय रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया
- भारत की Heavy Satellite Launch Capability का प्रत्यक्ष प्रमाण
🤝 अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक साझेदारी
यह मिशन NewSpace India Limited (NSIL) और अमेरिका की AST SpaceMobile के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के तहत किया गया।
यह साझेदारी दर्शाती है कि:
- भारत अब Commercial Launch Services Provider के रूप में उभर चुका है
- विदेशी कंपनियाँ भारतीय रॉकेट पर भरोसा कर रही हैं
🧑🚀 किसने क्या कहा?
🔸 डॉ. जितेंद्र सिंह
(राज्य मंत्री – विज्ञान एवं अंतरिक्ष)
- ISRO वैज्ञानिकों को बधाई
- कहा कि यह मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमता, आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व को दर्शाता है
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों का उल्लेख
🔸 डॉ. वी. नारायणन
(ISRO अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष विभाग सचिव)
- यह मिशन तकनीकी रूप से अत्यंत चुनौतीपूर्ण था
- सैटेलाइट को सटीक कक्षा में स्थापित किया गया
- LVM-3 की विश्वसनीयता सिद्ध हुई
🌍 इस मिशन का रणनीतिक महत्व
✔️ भारत की Heavy Payload Launch क्षमता का प्रदर्शन
✔️ वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में भारत की विश्वसनीयता
✔️ मोबाइल सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में बड़ा कदम
✔️ भविष्य में स्मार्टफोन-आधारित सैटेलाइट नेटवर्क की नींव
✔️ भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को मजबूती
🔮 भविष्य की संभावनाएँ
- Direct-to-Mobile Satellite Services का विस्तार
- दूरदराज़ क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी
- आपदा प्रबंधन और आपातकालीन संचार में उपयोग
- भारत के लिए अधिक वाणिज्यिक लॉन्च अनुबंध
📌 एक नजर में (Quick Facts)
- मिशन नाम: LVM-3 M6
- रॉकेट: LVM-3
- उपग्रह: BlueBird Block-2
- कक्षा: Low Earth Orbit (LEO)
- लॉन्च एजेंसी: ISRO
- साझेदारी: NSIL + AST SpaceMobile
- मिशन स्थिति: पूर्णतः सफल
✍️ 5 प्रश्न-उत्तर (Exam Ready | Copy-Paste)
Q1. हाल ही में ISRO द्वारा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया भारी प्रक्षेपण मिशन कौन-सा है?
Ans: LVM-3 M6 मिशन
Q2. BlueBird Block-2 सैटेलाइट का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans: स्मार्टफोन को सीधे सैटेलाइट-आधारित ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना
Q3. LVM-3 रॉकेट कितने चरणों वाला प्रक्षेपण यान है?
Ans: तीन चरणों वाला
Q4. यह मिशन किस अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ साझेदारी में किया गया?
Ans: AST SpaceMobile (USA)
Q5. LVM-3 रॉकेट की LEO में अधिकतम पेलोड क्षमता कितनी है?
Ans: लगभग 8,000 किलोग्राम